Thursday, August 27, 2020

बातें-मुलाकातेंः 13 (मिनी मेनन)

यह वह दौर था, जब भारतीय युवतियाँ विश्व फलक पर अपने सौंदर्य के जलवे बिखरा रही थीं और हर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहला, दूसरा या तीसरा स्थान हासिल कर रही थीं. संयोग से इनमें से कई दिल्ली या नोएडा की रहने वाली थीं, तो उन तक पहुँचना अपेक्षाकृत सुगम था, तो करीब आधा दर्जन विनर ब्यूटीज के इंटरव्यू मेरे खाते में दर्ज हो चुके थे. ऐसा ही एक अहम खिताब मिनी मेनन ने भी जीता था, फेमिना मिस इंडिया एशिया पैसेफिक का...

मिनी के बारे में मुझे एक हमपेशा मित्र से पता चला, जो कुछ दिन पहले उनका इंटरव्यू कर चुकी थी. हम एक-दूसरे से अपने एक्सपीरिएंस और रिफ्रेंस शेअर किया करते थे. उसने मिनी की बहुत तारीफ की कि वह एक बहुत ही स्वीट- सिंपल और डाउन टू अर्थ गर्ल है और बहुत सुलझी हुई भी. उसने मुझे सुझाव दिया कि मुझे मिनी का इंटरव्यू भी करना चाहिए. मुझे भी सरल हृदय व्यक्तियों से मिलकर बहुत अच्छा लगता था, तो मैंने उससे मिनी का टेलीफोन नंबर ले लिया और उन्हें फोन करके नवभारत टाइम्स में चल रहे अपने काॅलम मेरा सपना के बारे में बताया और कहा कि मैं इस काॅलम के लिए उनका इंटरव्यू करना चाहता हूँ. मिनी ने कहा कि इन दिनों उनके पापा की तबियत खराब है तो कुछ दिन बाद काॅल कर लीजिएगा हफ्ते भर बाद मैंने फिर फोन किया तो मिनी ने फिर वही विवशता जाहिर की. कुछ दिनों के अंतर से मैंने फिर दो-तीन बार उन्हें काॅल किया, लेकिन इसी तरह की परिस्थिति सामने आती रही. 

करीब एक-डेढ़ महीने के बाद मैंने मिनी को काॅल किया तो वह बोली कि आप कल आ सकते हैं क्या? मैंने अपनी सहमति दे दी और इंटरव्यू के लिए मिनी के नोएडा स्थित घर पहुँच गया. जैसा मेरी दोस्त ने बताया था, मिनी मुझे उससे भी कहीं ज्यादा स्वीट और सिंपल लगीं. हमने काफी देर बात-चीत की. मैं सवाल करता गया, वो जवाब देती गईं. और इंटरव्यू खत्म हुआ. इंटरव्यू के बाद चाय आ गई. चाय की चुस्की लेते हुए मैंने मिनी से उनके पापा की तबियत के बारे में पूछा. मिनी ने जवाब दिया कि वे कुछ ही दिन पहले एक्सपायर हो गए. बताते-बताते वह उदासी, उनकी आवाज और आँखों में छलक आई, जिसे अब तक उन्होंने बड़े सब्र से अपने भीतर सँभाले रखा था. 

मुझे बहुत दुःख महसूस हुआ और मैंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि आप अगर बता देतीं तो मैं कुछ दिन बाद आ जाता. मिनी बोली कि कोई बात नहीं, आप इतने दिनों से मेरा इंटरव्यू करना चाहते थे तो मुझे आपको और होल्ड पर रखना ठीक नहीं लगा. मैंने मन ही मन मिनी के साहस की दाद दी और इस बात के लिए उनका शुक्रिया अदा किया कि अपने   दुःख के बावजूद उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि मुझे असुविधा न हो. 

अपने पैशन को प्रोफेशन में बदलना और उसमें कामयाबी व शोहरत हासिल करना बहुत भाग्यशाली लोगों को नसीब होता है. अच्छी बात यह है कि मिनी उनमें से एक हैं. इंटरव्यू के दौरान मिनी ने अपने बहुत सारे सपनों के बारे में बताया था, उनमें तीन थे आर्कियोलाॅजी में कैरियर बनाना, मीडिया में नाम कमाना और दुनिया की सैर करना. इत्तेफाक देखिए कि आज ये तीनों सपने लगभग हकीकत में तब्दील हो चुके हैं. मिनी बीते सालों में एक प्रतिष्ठित लेखक और पत्रकार बन चुकी हैं. उनके खाते में ब्लूमबर्ग टीवी इंडिया की इनसाइड इंडियाज बेस्ट नोन कंपनीज, द पिच और असाइनमेंट जैसे लोकप्रिय शोज, इन फोकस जैसी अवार्ड-विनिंग डाॅक्यूमेंट्रीज, भारत के सात अग्रणी उद्यमियों पर आधारित राइडिंग द वेव नाम की एक किताब दर्ज हैं. उन्हें इंडियन ब्राॅडकास्ट फेडरेशन द्वारा बेस्ट बिजनेस न्यूज एंकर अवार्ड, जीटीवी के अस्तित्व अवार्ड फाॅर जर्नलिज्म और  राजीव गाँधी अवार्ड फाॅर एक्सीलेंस एज ए यंग अचीवर जैसे प्रतिष्ठित सम्मान भी मिल चुके हैं. इम्पेक्ट मैगजीन द्वारा साल 2013 में मिनी को इंडियन मार्केटिंग, एडवर्टाइजिंग और मीडिया के क्षेत्र में दस सर्वाधिक प्रभावशाली महिलाओं में शुमार किया गया था.

और जहाँ तक इतिहास और पुरातत्व के प्रति उनके आकर्षण का सवाल है तो यह जानना एक सुखद अनुभव है कि वे इन दिनों लाइव हिस्ट्री इंडिया (https://www.livehistoryindia.com/)  की कोफाउंडर और एडिटर हैं और पूरी शिद्दत से भारतीय इतिहास और पुरातत्व के तमाम अनछुए पहलुओं और अनजाने पन्नों को दुनिया के सामने उजागर करने में लगी हैं.

आज मिनी का जन्मदिन है, उन्हें इस मौके पर और उनकी तमाम उपलब्धियों के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं कि वह यूँ ही सफलता के नित नए मकाम हासिल करती रहें.

interview


No comments:

Post a Comment