Monday, March 15, 2021

बातें-मुलाकातें: 48 (किरण कार्णिक)

जिन हस्तियों के मैंने इंटरव्यू लिए हैं, संयोगवश उनमें से तीन का जन्मदिन आज ही पड़ता है. ये हैं किरण कार्णिक, सलमा सुल्तान और वरिष्ठ कार्टूनिस्ट काक. सदैव स्वस्थ, सक्रिय और ऊर्जावान बने रहें, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आप सभी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई...


सबसे पहले बात करते हैं किरण कार्णिक की. उनकी प्रोफेशनल लाइफ इतनी व्यापक है कि उस पर पूरी एक किताब लिखी जा सकती है. संक्षेप में कहा जाए तो वे 1969 में इसरो की स्थापना के कुछ समय बाद ही उससे जुड़ गए थे. 1983 से 1991 के दौरान करीब आठ साल तक इसरो की डेवलपमेंट एंड एजुकेशनल कम्युनिकेशन यूनिट के डायरेक्टर रहे और 1991 में इसरो छोड़कर, यूजीसी द्वारा गठित कन्सोर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशन के पहले डायरेक्टर बने. इसके अलावा वे नासकॉम के प्रेसिडेंट और सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज के चेयरमैन भी रहे. आज अपना वह 74 वां जन्मदिन मना रहे किरण कार्णिक, वर्तमान में वह प्रधानमंत्री की साइंटिफिक एडवाइजरी काउंसिल और नेशनल इनोवेशन काउंसिल के सदस्य होने के साथ-साथ कॉन्फेडेरशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री में टेलीकॉम एंड ब्रॉडबैंड की नेशनल कमेटी के चेयरमैन और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में डायरेक्टर हैं. इसके अलावा वे हेल्पएज इंडिया की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन भी हैं. 

जिस समय मेरी उनसे मुलाकात हुई थी, वह डिस्कवरी चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर थे. यह मुलाकात पूरी तरह व्यावसायिक थी, जिसमें व्यक्तिगत अनुभूति जैसा कुछ नहीं था. एक पीआर एजेंसी ने उनका इंटरव्यू कराने के लिए नवभारत टाइम्स में तत्कालीन फीचर विभाग के हेड विनोद भारद्वाज जी से सम्पर्क किया था और उन्होंने यह जिम्मा मुझे सौंपा. 

डिस्कवरी के दिल्ली ऑफिस में यह इंटरव्यू सम्पन्न हुआ. पूरे इंटरव्यू के दौरान वे किसी भी प्रकार की ईगो या एटिट्यूड से मुक्त नजर आए और बेहद सहज रहते हुए शांति से मेरे प्रश्नों के उत्तर देते रहे. मैं संकोच की वजह से बस उनसे एक ही सवाल नहीं पूछ पाया कि आप अपने नाम को हिंदी में किरण लिखते हैं या किरन. इस बारे में जब मैंने उस पीआर एजेंसी से पूछा तो उसने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि ये तो आपको पता होना चाहिए. बहरहाल, हमने किरण का इस्तेमाल किया और आज भी वही कर रहा हूँ. अगर गलत तो कार्णिक जी क्षमा करें.

यह इंटरव्यू मेरे लिए भी काफी कुछ सीखने वाला था. आप भी पढ़िए, शायद आपको भी कुछ अच्छी जानकारियाँ मिलें.


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