दूरदर्शन के सुनहरे दौर में सुबह—सुबह आने वाले लतीफों के प्रोग्राम हँसो—हँसो से जीटीवी के क्लोज अप अंत्याक्षरी की मेजबानी हो या फिल्मों में विभिन्न शेड्स की भूमिकाएं...अन्नू कपूर जिस चीज से भी जुड़े, दर्शकों के दिल पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे.

मेरे दिल पर भी छोड़ी है, लेकिन कुछ अलग तरह से. इस
मुलाकात में रूठना—मनाना और मान जाना जैसी
चीजें शामिल हैं. दिल्ली में फ्री—लांसिंग करते हुए पता चला कि अन्नू और दुर्गा जसराज क्लोजअप अंत्याक्षरी
का लाइव शो करने के लिए दिल्ली आए हुए हैं
और आॅफिशियल होस्ट था एक फाइव स्टार होटल. हमेशा की तरह मैंने होटल कॉल करके अन्नू
कपूर से बात कराने के लिए कहा. बात हुई तो मैंने अपना उद्देश्य बताया. अन्नू कपूर ने
कहा कि वह एक बजे आंध्र भवन आ रहे हैं. मैं वहीं आ जाऊं तो इंटरव्यू कर लेंगे.
मैं शार्प
1.00 बजे वहाँ पहुँच गया. हालांकि कार्यक्रम छह बजे शुरू होना था, लेकिन तब तक आॅडिटोरियम
में पार्टिसिपेंट्स का आना शुरू हो चुका था. अन्नू का कोई अता—पता नहीं था.
मैंने इंतजार शुरू कर दिया. एक घंटा बीत गया तो फिर
से होटल कॉल लगाया. पता चला कि अभी उन्हें पहुँचने में एक घंटा और लगेगा. अब आया था
तो इंटरव्यू किए बिना जाना बेवकूफी ही होती. वैसे भी हम फ्री—लांसरों के पास फ्री टाइम की कोई कमी तो होती नहीं थी और न ही सब्र
की, तो फिर से इंतजार शुरू. और एक घंटा ऐसे ही बीत गया. अब थकान और झुंझलाहट होने लगी.
करीब चार बजे अन्नू कपूर का आगमन हुआ. मैंने तेजी से जाकर उन्हें थाम लिया और उन्हें
याद दिलाया कि उन्होंने इंटरव्यू देने के लिए बुलाया था. उन्होने पार्टिसिपेंट्स की
तरफ इशारा करते हुए कहा कि थोड़ा इन लोगों को बिजी कर देता हूँ, इसके बाद बात करते
हैं.
अब अन्नू बिजी हुए तो ऐसे कि अगले डेढ़ घंटे तक उन्हीं
में उलझे रहे. जैसे ही मैंने उन्हें अकेले देखा, मैंने उनसे पूछा कि क्या अब इंटरव्यू
कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप देख ही रहे हैं यहाँ का हाल, ऐसे में कैसे हो पाएगा.
अब मेरे सब्र का पैमाना छलक उठा. मैंने तीखे स्वर में कहा कि क्या मतलब है कि कैसे
हो पाएगा. मैं पिछले साढ़े चार घंटे से आपका इंतजार कर रहा हूँ और अब आप बोल रहे हैं
कि नहीं हो पाएगा.
इस पर अन्नू कपूर सकपका गए, उन्हें मुझसे ऐसी उम्मीद
नहीं थी शायद. वे मेरे कंधे पर हाथ रखकर बोले, आइए मैं अभी साढ़े चार गाने सुनाकर आपकी
नाराजगी दूर कर देता हूँ. फिर वे बोले कि मैं आपसे दोगुनी उम्र का हूँ, फिर भी आपको
सॉरी बोल रहा हूँ.
उनके सॉरी बोलने से मुझ पर घड़ों पानी पड़ गया और
मुझे लगा कि मुझे इस तरह आपा नहीं खोना चाहिए था. खैर, इसके बाद हम लोगों के बीच करीब
आधा घंटा बात हुई और काफी मजेदार बात हुई, जिसका कुछ मजा आप भी ले सकते हैं, इस इंटरव्यू
को पढ़कर...
अगले ही दिन अन्नू से फिर मुलाकात हुई, जब मैं उसी
होटल में दुर्गा जसराज का इंटरव्यू करने गया था. मुझे देखते ही उन्होंने तुरंत मुझे
पहचान लिया और अपनी ओर से विश किया और हाथ से इशारा करते हुए पूछा कि कैसे? मैंने बताया
कि दुर्गा जी का इंटरव्यू करने आया हूँ. उन्होंने कहा कि जाइए, वो आप ही का वेट कर
रही हैं.
अन्नू के बारे में एक और दिलचस्प बात, जो बहुत कम
लोग जानते हैं. उनका असली नाम अनिल कपूर है. लेकिन उनके फिल्मों में आने से पहले अनिल
कपूर एक स्थापित नाम बन चुके थे, इसलिए वह अपना निकनेम ही इस्तेमाल करने लगे.
आज अन्नू कपूर का जन्मदिन है, इस मौके पर उन्हें हार्दिक
बधाई और शुभकामनाएं.
interview
